लौकी जूस के बेहतरीन 29 औषधीय गुण
लौकी का रस या (Lauki Juice) के बेहतरीन औषधीय गुणों का जानने से पहले हम एक नजर लौकी के परिचय पर डालते है | लौकी– “Cucurbitaceae Family” से सम्बंधित पौधे का फल होता है। भारत में लौकी को घीया, कद्दू , दूदी,और दुधी भोपळा भी कहते हैं। इसका Botanical Name : “Lagenaria siceraria” है| और इसको अंग्रेजी में बोटल गोर्ड के नाम से जाना जाता है | Ghiya In English Name- (Bottle Gourd).
घिया की आकृति बोतल जैसी होती है , इसलिए पुराने जमाने में इसको सुखाने के बाद अंदर से खोखला करके इसके बोतलनूमा पात्र में पानी ,शराब आदि भर कर रखते थे शायद इसी के कारण इसे बॉटलगार्ड (Bottle Gourd) भी कहते हैं। लौकी केवल एक सब्जी ही नहीं है बल्कि यह शरीर को रोगरूपी जंजाल से मुक्त करने वाली औषधी भी होती है। बहुत सारे लोग लौकी खाना कम पसंद करते हैं क्योंकि वो इसको स्वादिष्ट नहीं मानते , परन्तु वो इसके वास्तविक फायदों के बारे में नहीं जानते हैं| लौकी का रस बुखार, खाँसी, पेट के रोगों ,हृदय के विकार, गर्भाशय आदि से सम्बंधित रोगों में लाभदायक है। लौकी नाड़ी-मण्डल को स्वस्थ रखती है और शक्ति देती है। सबसे पहले हम लौकी का रस (Lauki Juice) बनाने की विधि जानेंगे उसके बाद इसके जूस के गुण तथा अंत में लौकी के लाभ जानेगें |
लौकी के पौष्टिक गुण प्रति 100 ग्राम – (Lauki Bottle Gourd Nutrition Value Per 100 Grams)-
लौकी में पानी 96.1%; कार्बोहाइड्रेट 2.5%; प्रोटीन 0.2%; वसा 0.1%, रेशा 0.6%; होता है।
लौकी के प्रति 100 ग्राम गूदे के मिश्रण में – सोडियम 1.8; मैग्नीशियम 5.0, पोटेशियम 87.0; कैल्शियम 20.2; ताँबा 0.3, लोहा 0.7; फॉस्फोरस 10, गंधक 10; विटामिन बी 1 0.03; विटामिन बी-5 0.2; विटामिन सी 6.0-ये प्रति 100 ग्राम में , मि.ग्रा. की मात्रा में पाये जाते हैं। तथा 100 ग्राम लौकी से 12 कैलोरी ऊर्जा मिलती है।
लौकी का रस बनाने की विधि / How To Make Lauki Juice or (Bottle Gourd Juice)
लौकी को धोकर छिलके सहित घियाकस से कस लें कसी हुई लौकी में 8 पत्ते तुलसी, और 6 पत्ते पुदीना के डालकर मिक्सी या सिलबट्टे पर पीस लें। पिसी हुई लौकी को किसी सूती पतले गीले कपड़े में डालकर, निचोड़ते हुए रस निकाल लें। इस तरह रस छना हुआ निकलेगा। इस छने हुए रस में चार पिसी हुई कालीमिर्च तथा एक ग्राम पिसा सेंधा नमक मिला लें | लौकी के रस की मात्रा 150 मि. ली. होनी चाहिए। इसमें बराबर का ही साफ पानी इसमें मिला लें, यानि लौकी का रस और पानी दोनों की कुल मात्रा 300 मि. ली. होनी चाहिए। याद रखें – हर बार ताजा रस बनाकर ही पियें।
लौकी का रस प्रयोग करने की विधि/ (When to Drink Bottle Gourd Juice (Lauki Juice)
अगर लौकी का स्वाद कड़वा लगे तो इसको कभी ना पियें | सबसे पहले लौकी के जूस को थोडा सा चखें अगर यह कडवा लगे तो फेंक दें | दूसरी बार फिर से जूस बनाकर पियें | भोजन के पौन घंटे (45 मिनट) पहले या भोजन के एक घंटे बाद प्रतिदिन तीन बार प्रात:, दोपहर, रात्रि में सोते समय पियें। लौकी का सेवन ठण्डक देने वाला है। अत: जिन लोगों को जुकाम या नजले की समस्या हो वे लौकी का रस सर्दियों में ना पियें, पीना ही चाहें तो सोंठ और कालीमिर्च डालकर पियें। जिनको लौकी के रस किसी भी प्रकार की हानि पंहुचती है, वे लौकी के रस में अंगूर या अनार का रस मिलाकर पी सकते हैं।
लौकी का रस (Lauki Juice) के फायदे / Benefits of Bottle Gourd Juice.
पानी को कमी (De-hydration)- उल्टी, दस्त, तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी होने पर समान मात्रा में नारियल का पानी और लौकी का रस (Lauki Juice) मिलाकर हर 20 मिनट में आधा-आधा कप पीते रहने से पानी की कमी दूर हो जाती है तथा आगे भी पानी की कमी नहीं होती।
पेट के रोग (Benefits of Bottle Gourd Juice in stomach Diseases)- एक कप लौकी का रस (Lauki Juice) सुबह खाली पेट प्रतिदिन पीने से पेट के सभी सामान्य रोग व कब्ज ठीक हो जाते हैं। लम्बे समय तक इसी प्रकार लौकी का रस पीने से पेट ठीक रहेगा। लौकी की खिचड़ी भी खा सकते हैं।
पैर के तलवों की जलन (Benefits of Bottle Gourd Juice in Burning Foot Pain )- लौकी या घीया को काटकर इसका पेस्ट पैर के तलवों पर मलने से पैरों की गर्मी, जलन, दूर होती है। लौकी का रस (Lauki Juice) भी लगाया जा सकता है।
lauki juice benefits
दस्त (Benefits of Bottle Gourd Juice for Diarrhea) – लौकी का रायता दस्तों में लाभप्रद है। लौकी को कद्दूकस करके थोड़ा पानी डालकर उबालें। फिर दही को अच्छी तरह मथकर उसमें उबली हुई लौकी को हल्का सा निचोड़ कर मिला दें और फिर उसमें सेंधा नमक, भुना जीरा, कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन में 3 बार खाएँ। बार-बार दस्त जाना बन्द हो जायेगा। दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसी हालत में रोगी को लौकी का रस देने से लाभ होता है।
मानसिक तनाव (Reduce mental stress by Bottle Gourd Juice )- आधा कप लौकी का रस दो चम्मच शहद मिलाकर सोते समय पीने से मानसिक तनाव कम होता है। सिर में लौकी का तेल लगायें। जब तनाव बढ़े उस समय Lauki Juice का एक छोटा गिलास पीने से तनाव और क्रोध से राहत मिलती है। लौकी से बहुत लाभ होता है। अन्न, दालें, फल-सब्जियाँ छिलकों सहित खायें। ठंडी प्रकृति वाली सब्जियाँ जैसे लौकी, कद्दू, तोरई, टिन्डा, भीगे हुए बादाम और अंजीर, गेहूँ का दलिया क्षार प्रधान होते हैं। ये चीजें भोजन में शामिल करें इससे तनाव कम होता है। चाय-कॉफी, शराब, मैदा की चीजें, तला हुआ भोजन, डिब्बा बन्द भोजन आदि से परहेज रखें, नहीं खायें।
गला दर्द (Throat Pain)– एक गिलास Lauki Juice में दो चम्मच शहद या शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है।
Lauki Juice For Diabetes – मधुमेह में लौकी लाभ करती है। सब्जी, सलाद के रूप में कच्ची लौकी खा सकते हैं। Lauki Juice में थोड़ा नमक मिलाकर पियें।
गठिया (Arthritis)- लौकी के 100 मि.ली. रस में 3 ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से गठिया की सूजन तथा दर्द से आराम मिलता है।
गर्भावस्था (Lauki During Pregnancy)- लौकी गर्भाशय संबंधी विकारों में लाभदायक है। इसलिए जिन स्त्रियों को बार-बार गर्भस्राव या गर्भपात हो जाता है, उन्हें कुछ दिनों तक लौकी का सेवन सब्जी या रस के रूप में अवश्य करना चाहिए। इससे गर्भाशय मजबूत होगा और गर्भस्राव से छुटकारा मिल जाएगा। गर्भवती महिला को Lauki Juice ताकत देता है। लौकी का रस या सब्जी, खिचड़ी खाते रहने से गर्भस्थ शिशु का पोषण होता है, शिशु स्वस्थ और सही वजन का जन्म लेता है। गर्भवती महिला का भी पोषण होता है।
दाँत-दर्द के लिए लौकी नुस्खा (Teeth Care) – लौकी या घीया 75 ग्राम, लहसुन 20 ग्राम, दोनों को पीसकर एक लीटर पानी में उबालें। पानी आधा रह जाने पर छानकर कुल्ले करने से दाँत-दर्द ठीक होता है।
Lauki Juice For Weight Loss (वजन कम करने लिए लौकी के जूस के फायदे )- वैसे तो लौकी से वजन या चर्बी कम होती है इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है पर जानकारों का यह दावा है की Lauki Juice से मोटापा दूर होता है इसके लिए आप – ताजा लौकी के छीलको को घिया से अलग कर लें, फिर इनको किसी जूसर में डालकर इसका रस निकल कर सुबह खाली पेट पिए इस रस में आयरन पोटाशियम ,और अन्य खनिज तत्व शरीर को फायदा पंहुचाते है तथा यह मोटापे को भी कम करता है |
सिरदर्द (Headache)- लौकी को पीसकर माथे पर लेप करने से गर्मी के प्रभाव से होने वाला सिरदर्द ठीक हो जाता है। लौकी का तेल सिर में नित्य लगायें। सिरदर्द दूर हो जायेगा, रात को सिर की लौकी के तेल से मालिश करके सोयें। नींद अच्छी आयेगी |
बालों के लिए लौकी तेल के फायदे (Lauki Oil For Hair) – लौकी का तेल बालों में लगाने से बालों को मजबूती मिलती है और रूसी तथा बालों का झड़ना कम होता है | लौकी का तेल ,सूप और अन्य स्वास्थ्य वर्धक पेय बनाने की विधि हम अगले पोस्ट में बताएँगे |
बुखार – तेज बुखार होने पर घबरायें नहीं, तेज ज्वर होने पर पैर के तलवों पर पानी के छींटे मारते हुए लौकी का गूदा (पीसी हुई लौकी का पेस्ट) रगड़ें। इससे बुखार की तेज गर्मी कम हो जाती है। ज्वर हल्का हो जाता है। इससे तलवों की जलन भी कम हो जाती है।
जलन, चर्मरोग (Skin Care)- लौकी के रस का प्रभाव ठंडा होता है अत: जिन रोगों में जलन, अधिक प्यास लगती है, उनमें लौकी का रस पीना लाभदायक होता है। एक कप लौकी के रस में एक चम्मच शहद (Honey) मिलाकर पीने से शरीर की गर्मी , अम्लपित्त (एसिडिटी), पेट की जलन, आँखों की जलन, रक्तविकार, फोड़े-फुन्सी, आदि रोगों में लाभ होता है।
रक्तस्राव – शरीर के किसी अंग से अगर रक्त बह रहा हो तो लौकी के छिलकों को बारीक पीसकर उस स्थान पर लगाकर पट्टी बाँध देने से रक्त का बहना बंद हो जाता है। साथ ही लौकी का छिलकों सहित रस निकालकर पीना चाहिए।
(Benefits of Bottle Gourd Juice in Urinary problems) – यूरिन संबंधी रोगों तथा गुर्दे के दर्द में लौकी का आधा कप रस निकाल कर उसमें चुटकी भर सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से यूरिन खुलकर आता है |
पेशाब की जलन (Dysuria Painful Urination)- एक गिलास Lauki Juice में स्वादानुसार नींबू निचोड़ कर पीने से पेशाब की जलन ठीक हो जाती है। लौकी उबाल कर मथकर रस निकालें और रोजाना चार बार एक-एक गिलास पियें। इससे भी पेशाब खुलकर आयेगा।
पित्ती (Urticaria)- पित्ती निकलने पर शरीर में जहाँ-जहाँ पित्ती निकली हो, लौकी का रस लगायें तथा लौकी की सब्जी खायें।
नकसीर (Epistaxis)- नकसीर बह रही हो तो लौकी के रस में रुई भिगोकर, हल्की-सी निचोड़कर माथे पर लगा कर रखें इससे तरावट आयेगी और नाक से रक्तस्राव भी बन्द हो जायेगा। लेकिन ध्यान रहे, रस आँखों में बह कर न जाने पाए |
सौंदर्यवर्धक (Beauty)- लौकी के ताजा छिलके पीसकर चेहरे पर लगाये त्वचा खिल उठेगी। तथा लौकी का गूदा रगड़ने से काले दाग मिट जाते हैं। .
आँखें दुखना, दर्द ( Benefits of Bottle Gourd for Eyes) – लौकी को पीसकर लुगदी पतले कपड़े में रखकर ऑंखें बन्द करके पोटली ऊपर रखकर चालीस मिनट सोयें। शीघ्र लाभ होगा।
फुन्सियाँ (Rashes)- Lauki Juice प्रतिदिन तीन बार लगाने से लाभ होता है।
रक्तशोधक – खून साफ़ करने के लिए लौकी के गुण /(blood purifier)-
- लौकी को उबालकर बिना नमक डाले नित्य खाने से रक्त साफ हो जाता है। फुन्सियाँ निकलना बन्द हो जाती हैं।
- आधा कप लौकी के रस में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से रक्त साफ हो जाता है।
घिया के बीज का लाभ – (Bottle Gourd Seeds Benefits)- लौकी और इसके बीज गुर्दे सम्बंधित समस्याओ के लिए बहुत लाभकारी हैं।
गर्मीनाशक- लौकी गर्मी दूर करती है। मस्तिष्क में, या पेट में की गर्मी की समस्या हो तो लौकी के बीजों के अन्दर की गिरी दो-दो चम्मच रोजाना दो बार खायें। गर्मी का प्रभाव दूर हो जायेगा। पकी हुई सूखी इमली 30 ग्राम तथा गुड़ 50 ग्राम लेकर एक लीटर पानी में एक घंटा भिगोकर मसल कर पानी में घोल लें। लौकी का 75 ग्राम गूदा लेकर, इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके इस घोल में डाल कर इतना उबालें कि पानी एक चौथाई रह जाये। फिर उबालना बन्द करके हल्का सा गर्म रहने पर पानी छान कर नित्य एक बार 10 दिन तक पियें।
इसके अलावा लौकी का रस (Lauki Juice) निकालकर सिर को तर कर लें। आधे घंटे बाद सिर धोयें। इससे सिर की गर्मी कम होगी।
पीलिया- लौकी को आग में सेंककर भुर्ता-सा बना लें, फिर इसे निचोड़कर रस निकालकर थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पियें। साथ ही लौकी का सूप भी पियें।
सूखी खाँसी,भूख नहीं लगना, वजन नहीं बढ़ता हो तो कच्ची लौकी खायें या Lauki Juice पियें।
लौकी के रस से अम्लपित्त, आन्त्रव्रण (घाव), यकृत, पेट का भारीपन, आमाशय, पक्वाशय, रक्त की कमी, मासिक धर्म में अधिक रक्त आना, भूख की कमी, गैस आदि अनेक रोगों में लाभ होकर स्वास्थ्य अच्छा होता जाता है। किसी-किसी को लौकी का रस पीने से आरम्भ में दस्त लग जाते हैं। अत: आरम्भ में कम मात्रा में लेकर धीरे धीरे मात्रा बढ़ाते जायें।
अम्लपित्त (Acidity)- गलत खानपान ,मानसिक तनाव, अधिक कार्य से थकान होती है। इस प्रकार तनावग्रस्त रहने से शरीर में अम्ल अधिक बनने लगता है जिससे अन्य समस्याओ के साथ साथ एसिडिटी भी होने लगती है । इसके लिए आप उबली हुई लौकी की सब्जी खाने (loki vegetable) से रक्त की अम्लता कम होती है।